इस कहानी का प्रमुख पात्र एक युवा आदिवासी, नीलम है। वह अपने छोटे से गाँव से था और उसका सपना था कि वह अपने समुदाय के लिए सुधार करेगा।
नीलम के पास सुधार करने के लिए सामग्री नहीं थी, लेकिन उसने आत्म-विश्वास और संघर्ष की शक्ति को महसूस किया। उसने स्वयं को सिखाने का निर्णय लिया और अपने गाँव के शिक्षा केंद्र से सहारा लिया।
नीलम ने रातों तक पढ़ाई की और अपने समुदाय के लिए सामाजिक सुधार के क्षेत्र में अपनी भूमिका में सुधार किया। उसने अपने समुदाय को शिक्षित बनाने के लिए कई पहल की और आज उसका गाँव एक नए रास्ते पर है।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि किसी भी परिस्थिति में, आत्म-विश्वास और मेहनत से हर कठिनाई को पार किया जा सकता है।