अधूरी मोहब्बत: रेलवे स्टेशन पर
बारिश की बूंदें जैसे उस दिन कुछ खास कह रही थीं। वो जुलाई की शाम थी और रेलवे स्टेशन पर हमेशा की तरह भीड़भाड़ का माहौल था। लोग अपने-अपने रास्तों…
बारिश की बूंदें जैसे उस दिन कुछ खास कह रही थीं। वो जुलाई की शाम थी और रेलवे स्टेशन पर हमेशा की तरह भीड़भाड़ का माहौल था। लोग अपने-अपने रास्तों…